Author Blog: ‘कैसा हो आपणो सरपंच’ -आकाश अग्रवाल की कलम से… ✍
पंचायत चुनाव लोगों को ठंड के समय में भी गर्मी का अहसास करा रहे है। हर बार की तरह इस बार भी रसूखदार लोग अपने सर ताज बंधवाने के लिए आतुर है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी प्रचार में दमखम लगाने लगे है। साथ ही वोटरों को लुभाने के लिए वही पुराने वादों को दोहराया जा रहा है। लेकिन आपको उन पुराने वादों की पोटरी से बाहर निकलना होगा और अपने गांव के बारे में गहनता से सोचना होगा।
आपको सोचना होगा … गत वर्षों में जितने भी उम्मीदवारों को आपने अपना भरोसा दिया या फिर ‘बेचा’, उन सब ने आपके लिए क्या किया ? छोटे से लेकर बड़े तक हर अधिकारी सिर्फ आपका और हमारा इस्तेमाल करते आये है। लेकिन हमारी मूलभूत समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुई है। क्यों हम आजादी के 73 सालों बाद भी पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी जैसी कई जरुरी मूलभूत सुविधाओं से जूझते (परेशान) आ रहे है ? इस बार वोट देने से पहले इन बातों को गाँठ बाँध ले –
👉 जातिवाद और भेदभाव से दूर हो हमारा सरपंच
उम्मीदवार का चयन जाति देखकर नहीं बल्कि उसकी योग्यता देखकर ही करें। जातिवाद की कसम देने वाले उम्मीदवारों से बचे। खुद सोचे, ऐसे उम्मीदवार आपकी जरूरतें क्या पूरी करेंगे जो खुद की जीत पर ही विश्वास नहीं कर सकते हो। जाति कसमें वही लोग दे सकते है जिन्हें सिर्फ पद और पैसे का लोभ होता है।
👉 सभी को ध्यान से सुनंने वाला हो हमारा सरपंच
आपका उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए, जो आपकी समस्याओं को सुने और उसे खत्म करने का विश्वास रखता हो। कहते है, जो दूसरे लोगों को ध्यान से सुनता है तो वह अच्छा बोलता भी है। खुद सोचिये, जब आपकी समस्याएं ध्यान से सुनी ही नहीं जाएँगी तो उनका निपटारा किस आधार पर किया जायेगा।
👉 शिक्षित, समझदार व सहनशील हो हमारा सरपंच
पढ़े-लिखे उम्मीदवार का चयन करें। एक शिक्षित व्यक्ति ही आदर्श गाँव का निर्माण कर सकता है। शिक्षित उम्मीदवार न सिर्फ आपकी समस्याओं पर गौर करेगा बल्कि वह निजी स्तर पर ही उन समस्याओं का उचित प्रबंधन करने में सहायक होगा। अक्सर देखा जाता है अशिक्षित उम्मीदवार शहर के आला-अधिकारियों के सामने बेबस नजर आते है। यही से भ्रष्ट यानि कि ‘पैसा खाने वाली’ राजनीति की शुरुआत होती है।
👉 विकास राशि का सदुपयोग करने वाला हो हमारा सरपंच
हमारा सरपंच ऐसा होना चाहिए जो सरकार द्वारा गांव के विकास के लिए भेजी गई राशि का सदुपयोग कर सकें। जिससे गांव भी शहर की तर्ज पर दिखाई दे सके। हमारा सरपंच ऐसा होना चाहिए जो गांव का चहुंमुखी विकास करे। जिससे गांव का हर व्यक्ति अपने सरपंच के प्रति सहानुभूति रख सकें।
🙏 युवाओं से मेरी अपील🙏
युवा साथियों से मेरी अपील है, गांव के सभी लोगों को सही और निष्पक्ष चुनाव के प्रति जागरूक करें। अपने गांव की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए ईमानदार व मेहनती उम्मीदवार का चयन करने में अपनी ऊर्जा का सदुपयोग करें। शहर से आया हुआ कोई सांसद या विधायक के द्वारा ‘गोद’ लेकर नहीं बल्कि आप ही अपने गांव को ‘आदर्श गांव’ बना सकते है। आपका गांव आदर्श बनेगा तो एक अच्छी सोच का जन्म होगा और देश का सही मायनों में विकास होगा।
पंचायत चुनाव भले ही गैर दलीय आधार पर हो रहे हों, मगर सभी दल आपके सामने जीत के दावे करेंगे। सभी गाँव के मेरे छोटे-बड़े प्यारे लोगों से मेरी विनती है कि इस बार बदलाव लाये। ऐसा करने के लिए किसी के बहकावे में ना आये और उम्मीदवार का चुनाव अपने मनोविवेक से ही करें।