Fog Pass Device: सर्दियों के समय में कड़ाके की ठंड के साथ घना कोहरा और धुंध आम जनजीवन को प्रभावित करती है। इस धुंध और कोहरे का प्रभाव रेल से लेकर विमान यातायात तक की सेवाओं पर भी पड़ता है। कोहरे में भी सुचारू रेल परिचालन सुनिश्चित करने के लिए ‘फॉग पास डिवाइस’ कारगर हो सकती है। हाल ही में भारतीय रेलवे ने कोहरे में रेलों के सुचारु परिचालन के लिए 19,742 फॉग पास डिवाइस की व्यवस्था करने का बड़ा फैसला लिया है।
क्या है फॉग पास डिवाइस ?
(What is Fog Pass Device)
यह एक जीपीएस आधारित नेविगेशन डिवाइस (GPS Based Navigation Device) है। रेल के लोको पायलट (loco Pilot) को घने कोहरे की स्थिति में ट्रेन चलाने में यह मददगार साबित होता है। यह डिवाइस सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट (मानवयुक्त और मानव रहित), स्थायी गति प्रतिबंध, तटस्थ खंड आदि जैसे निश्चित स्थलों के बारे में ऑन-बोर्ड वास्तविक समय की जानकारी (प्रदर्शन के साथ-साथ आवाज मार्गदर्शन) प्रदान करती है। इस प्रणाली से भौगोलिक क्रम (Geographical Sequence) में आने वाले अगले तीन निश्चित स्थलों में से लगभग 500 मीटर तक ध्वनि संदेश के साथ-साथ अन्य संकेतक भी मिलते हैं।
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फॉग पास डिवाइस का इस्तेमाल
(Uses Fog Pass Device)
सभी प्रकार के अनुभागों जैसे सिंगल लाइन, डबल लाइन, विद्युतीकृत और गैर विद्युतीकृत अनुभागों के लिए ‘फॉग पास डिवाइस’ उपयुक्त है। इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक और डीजल इंजनों, ईएमयू/एमईएमयू/डीईएमयू के लिए भी किया जा सकता है। यह डिवाइस 160 किमी प्रति घंटे तक की ट्रेन गति के लिए उपयुक्त रहती है। साथ ही इसमें 18 घंटे के लिए बिल्ट-इन रिचार्जेबल बैटरी बैकअप (Built-in Rechargeable Battery Backup) भी शामिल है।
‘फॉग पास डिवाइस’ पोर्टेबल होती है। इसका आकार कॉम्पैक्ट होता है। वजन में यह हल्की (बैटरी सहित 1.5 किलोग्राम से अधिक नहीं) होती है। इसका डिज़ाइन मजबूत होता है। लोको पायलट अपनी ड्यूटी फिर से शुरू करने पर डिवाइस को अपने साथ आसानी से लोकोमोटिव तक ले जा सकते हैं। यह डिवाइस लोकोमोटिव के कैब डेस्क पर आसानी से रखी जा सकती है। यह एक स्टैंडअलोन प्रणाली (Standalone System) की तरह काम करती है।