Nakli Suraj Made By China: चीन की शी जिनपिंग सरकार ‘नकली सूरज’ का निर्माण करने जा रही है। यह सूरज असली सूरज के मुकाबले में 7 गुना अधिक गरम होगा। नकली सूरज का निर्माण परमाणु संलयन तकनीक (Nuclear Fusion Techniques) के आधार पर किया जा रहा है। इस नकली सूरज को चीन राष्ट्रीय प्राथमिकता मानकर चल रहा है। उसका दावा है कि इससे दुनियाभर की ऊर्जा चुनौतियों का एक आदर्श हल निकाला जा सकेगा।
कब बनकर तैयार होगा चीन का नकली सूरज?
चीन का यह नकली सूरज एक परमाणु रिएक्टर (Nuclear Reactor) है, जोकि साल 2035 तक बनकर तैयार हो जाएगा। चीन की सरकारी कंपनी चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन (China National Nuclear Corporation) इस ‘सूरज’ को बनाने में जुट रही है। अमेरिका समेत अन्य देश भी ऐसा कर रहे है।
असली सूरज किस तकनीक पर करता है काम?
अनंत ऊर्जा का स्रोत सूरज परमाणु संलयन तकनीक पर ही काम करता है। सूर्य की ऊर्जा परमाणु संलयन से आती है, जो इसके मूल में हाइड्रोजन को हीलियम में परिवर्तित करती है। इस प्रक्रिया से जबरदस्त मात्रा में ऊर्जा निकलती है। सूर्य का ऊर्जा उत्पादन विशाल है, तकनीकी रूप से यह अनंत नहीं है।
चीन की क्या है सूरज को लेकर योजना?
साल 2035 तक चीन अपने इस नकली सूरज का प्रोटोटाइप (Nakli Suraj Prototype) बनाकर तैयार करना चाहता है। साल 2050 तक वह बड़े पैमाने पर व्यवसायिक उत्पादन शुरू करेगा। सितंबर 2023 में चीनी कंपनी के चेयरमैन Lu Tiezhong ने कहा था कि परमाणु संलयन के आधार पर बिजली का निर्माण (Electricity Generation based on Nuclear Fusion) सबसे पहले चीन में होना चाहिए। हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं।
यह भी पढ़े: Metaverse Virtual World क्या है? जानें कैसे बन रहा अपराध की एक नई दुनिया
अमेरिका आगे निकला तो घबराया चीन
परमाणु संलयन ऊर्जा शोध से जुड़े अपने हर व्यक्ति को चीन इस प्रोजेक्ट में साथ लाना चाहता है। अभी तक वह शोध संस्थाओं और प्राइवेट कंपनियों के इर्द-गिर्द था, लेकिन महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह नई योजना पर काम कर रहा है। चीनी कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो चीन ग्लोबल एनर्जी चैलेंज (Global Energy Challenge) को देखते हुए विभिन्न देशों में प्रतिस्पर्धा है। अब चीन को उच्च गुणवत्ता वाला ऊर्जा उद्योग चाहिए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘चीन अपना पूरा संसाधन इस एक मुख्य प्रॉजेक्ट पर लगा रहा है। परमाणु संलयन चीन के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकता बन गया है। चीन की हाईटेक कंपनी स्टारटोरस फ्यूजन के संस्थापक चेन रुई कहते है कि उनकी कंपनी परमाणु संलयन से पैदा होने वाली बिजली के लिए व्यवसायिक एप्लीकेशन तैयार कर रही है। यूरोप और अमेरिका भी इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। चीन की जिनपिंग सरकार भी इस क्षेत्र पर फोकस कर रही है।
चीन है ताकतवर परमाणु देश
(China Powerful Nuclear Country)
रिपोर्ट के मुताबिक चीनी रिएक्टर हाइड्रोजन परमाणुओं (Chinese Reactor Hydrogen Atom) को 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म करता है, जिससे वे मिलकर भारी परमाणु बन जाते हैं और इस प्रक्रिया में गर्मी और रोशनी के रूप में बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है।