Jaipur Shiv Mandir: राजस्थान की राजधानी यानी गुलाबी शहर जयपुर को छोटी काशी के नाम से भी जानते हैं। यहां पर अनेक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं, जिनमें से एक है भगवान शंकर का झाड़खंड महादेव मंदिर। यह मंदिर दक्षिण भारतीय शैली के तिरुचिरापल्ली मंदिर जैसा दिखाई पड़ता हैं। झाड़खंड महादेव मंदिर वैशाली नगर क्विंस रोड पर स्थित है। एक समय इस क्षेत्र को प्रेमपुरा नाम से जाना जाता था। मंदिर का निर्माण करीब 100 साल पुराना हैं।
झारखंड महादेव मंदिर (Jharkhand Mahadev Mandir) की अपनी एक अलग पहचान है, यहां पर आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। कहते हैं, जिस जगह पर यह मंदिर बना हुआ है, उस जगह पर किसी समय बड़ी संख्या में झाड़ियां ही झाड़ियां हुआ करती थी। यही वजह है कि झाड़ियों से झाड़ और खंड यानी पूरा इलाका, इस तरह मंदिर को झारखंड नाम दिया गया। मौजूदा समय भी मंदिर के आसपास के क्षेत्र में झाड़ियां और पेड़ पौधे दिखते हैं।
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शिवालय में उगा हुआ हैं पेड़
मंदिर के पास आर्मी बटालियन कैंप भी हैं। बताते है कि, साल 1918 तक यह मंदिर बेहद छोटा और सामान्य तरीके से निर्मित था। बाद में इसका जीर्णोद्धार दक्षिण भारतीय शैली के रूप में किया गया हैं। हालांकि, आप गौर करेंगे तो सिर्फ मंदिर का मुख्य दरवाजा ही दक्षिण भारतीय शैली में हैं, बाकी अंदर गर्भगृह उत्तर भारतीय मंदिरों से ही प्रेरित दिखाई देता हैं। मंदिर के गर्भगृह के निर्माण के समय शिवालय में स्वत: उग आए पेड़ को यथावत ही रखा गया हैं।
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पूरे साल लगी रहती हैं भीड़
सावन और महाशिवरात्रि के समय में झारखंड महादेव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता हैं। मान्यता हैं कि, जो भी भक्त यहां भगवान शिव के लिंग के दर्शन करता हैं और उसे पंचामृत से स्नान करवाता है, उसकी भगवान शिव हमेशा रक्षा करते हैं। वैसे तो पूरे वर्ष ही मंदिर में शिव भक्तों का हुजूम लगा रहता है। मंदिर परिसर के बाहर ही गायों को चारा खिलाने और कबूतरों को दाना डालने की भी सुविधा है। मंदिर के आसपास पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था हैं।