Unheard stories of famous footballer Pele…
82 साल की उम्र में आज ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले का निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से किडनी और प्रोस्टेट की बीमारियों से जूझ रहे थे। 1977 में वह खेल से रिटायर हुए। इससे पहले ही वह तमाम बड़ी उपलब्धियां अपने नाम दर्ज कर चुके थे। तीन फ़ुटबॉल विश्व कप जीतने वाली टीमों का हिस्सा रहे पेले ऐसा करने वाले विश्व के इकलौते खिलाड़ी रहे। उन्होंने पूरे फुटबॉल करियर में 1363 मैच खेले और रिकॉर्ड 1281 गोल करने में सफलता हासिल की।
पेले की अनसुनी कहानियां
👉18 जून 1968 को बोगोटा में पेले के क्लब सैंटोस और कोलंबियन ओलंपिक स्वॉड के बीच एक फ्रेंडली मैच खेला गया था। जिसमें रेफ़री गूइलेरमों वेलासक्वेज़ ने पेले को मैदान से बाहर जाने का आदेश सुनाया। रेफरी ने पेले पर फाउल करने का आरोप लगाया था। रेफरी के मुताबिक पेले ने उनसे बदतमीज़ी की थी। इस मामले पर पेले के प्रशंसकों ने रेफरी का विरोध किया। जिसके बाद पेले को मैदान में वापस बुला लिया गया।
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👉 1960 के दशक की बात है, जब नाईजीरिया में एक ख़ूनी गृहयुद्ध चल रहा था। उस समय में पेले की ‘सैंटोस एफ़सी’ विश्व के सबसे मशहूर फ़ुटबॉल क्लबों में शुमार थी। इस क्लब ने नाईजीरिया के युद्धग्रस्त क्षेत्र में 4 फ़रवरी 1969 को एक मैच खेला था। जिसमें सैंटोस क्लब ने बेनिनि सिटी के एक स्थानीय क्लब को 2-1 से हराया था। कहा जाता है कि ब्राज़ील के खिलाड़ी और अधिकारी उस समय सुरक्षा को लेकर चिंतित थे, जिससे युद्धविराम का फैसला करना पड़ा।
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👉पेले अपने करियर में कभी यूरोप के क्लब के लिए नहीं खेले। दरअसल, बात यह थी कि जब पेले अपने करियर के चरम पर थे तो तब उन्हें विदेश जाने से रोका गया था। इसके बाद सैंटोस क्लब ने रियल मैड्रिड और एसी मिलान जैसे क्लब के कई ऑफर ठुकरा दिये। ब्राजील सरकार का दबाब भी था कि पेले को कही और ना जाने दिया जाए। 1961 में तत्कालीन राष्ट्रपति जैनियो क्वॉड्रोस ने पेले को ‘राष्ट्रीय संपत्ति’ घोषित करते हुए कहा था कि उन्हें कही और एक्सपोर्ट नहीं किया जा सकता। हालांकि, 1975 में पेले ने विदेशी क्लब ‘न्यू यॉर्क कॉसमॉस’ के लिए फुटबॉल खेला था।
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👉पेले अपने फुटबॉल करियर में ब्राजील के कप्तान भी बने। उन्हें यह जिम्मेदारी 50 साल की उम्र में मिली। इससे पहले वह हर बार क्लब और देश दोनों की ही कप्तानी का ऑफर कई बार ठुकरा चुके थे। राष्ट्रीय टीम से रिटायर होने के 19 सालों बाद पेले 1990 में बतौर कप्तान ब्राज़ील के लिए ‘रेस्ट ऑफ़ द वर्ल्ड’ टीम के खिलाफ एक फ्रेंडली मैच में खेलते नजर आये थे। यह मुकाबला पेले के 50वे जन्मदिन पर खेला गया था, जिसमें पेले पहले 45 मिनट के लिए खेले थे।
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👉5 सिंतबर 1972 को त्रिनिदाद और टोबैगो में मैच खेला गया था। लेकिन सैंटोस क्लब के खिलाड़ी इससे नाखुश थे। 2010 में टीम के डिफ़ेंडर ओबेरेदान ने ब्राज़ील के एक अख़बार को बताया था कि ‘हम तेजी से खेलने के बाद जल्दी से खत्म कर प्लेन से निकलना चाहते थे।’ लेकिन पेले द्वारा 43वें मिनट में किए गए गोल के बाद पोर्ट ऑफ़ स्पेन स्टेडियम में खुशी से दर्शक बेकाबू हो गए। इसकी वजह से मैदान से निकलने में प्लेयर्स को काफी समय लग गया।
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👉पेले बेशक दुनिया के महान फुटबॉलर थे। उन्होंने खुद 1990 में एक बार कहा था कि वे 1994 के ब्राज़ील के राष्ट्रपति चुनाव में उतरने की सोच रहे हैं। जिसके बाद पेले ने राजनीति में एंट्री तो की थी लेकिन राष्ट्रपति बनने की उनकी सोच पूरी नहीं हो सकी। हालांकि, 1995 से 1998 तक वो ब्राज़ील के खेल मंत्री बने रहे। ‘ब्राज़ील के फ़ुटब़ॉल खिलाड़ियों को क्लब चुनने की’ आजादी का अधिकार देने वाला कानून पेले के खेल मंत्री रहते ही पास हुआ था।