अफगानिस्तान (Afghanistan) में मौजूदा समय में तालिबान का शासन हैं। ऐसे में तालिबान लड़ाकों ने अपने संस्थापक मुल्ला उमर की कार को 21 साल बाद जमीन से खोदकर बाहर निकाला है। यह वह कार हैं जिसे तालिबानियों का आका मुल्ला उमर 21 साल पहले अमेरिका के डर से भागने के दौरान जमीन पर गाड़कर फरार हो गया था। वह अमेरिका से बचने के लिए भागा था और कंधार से जाबुल तक आया था। इस कार को जाबुल प्रांत की ही एक जगह से निकाला गया है।
कहा जा रहा है कि अब इस कार को अफगानिस्तान के नेशनल म्यूजियम में रखा जाएगा।
9/11 हमलों के बाद भागा था मुल्ला उमर
कहा जाता है कि 9/11 हमलों के बाद अमेरिका ने तालिबान को सबक सिखाने की ठानी। इस दौरान अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला कर दिया था। जिससे बचने के लिए तालिबानी संस्थापक मुल्ला उमर भागता-भागता अपनी टोयोटा कार लेकर कंधार से जाबुल तक आ गया था। इसके बाद वह किसी को नहीं मिला और रफूचक्कर हो गया। अब उसके बाशिंदो ने 21 साल बाद इस कार को खोद निकाला हैं। जिसके फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
बताया जा रहा है, यह कार 21 साल बाद भी पूरी तरह से सुरक्षित है। इसकी वजह से है कि कार को प्लास्टिक के कवर में ढ़ककर जमीन में दफनाया गया था।
1994 में मुल्ला उमर ने की थी तालिबान की स्थापना
मुल्ला उमर का जन्म अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में 1960 में हुआ था। उसने 1980 के दशक में सोवियत के खिलाफ जंग में भी भाग लिया था। बताते हैं कि इसी जंग में मुल्ला उमर ने अपनी आंख खो दी थी। हालांकि, सोवियत से जंग के बाद मुल्ला उमर ने 1994 में तालिबान की स्थापना की और 1996 में उसने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया। 9/11 हमलों के बाद 2001 में जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो तालिबान को सत्ता से बाहर होना पड़ा था।
2013 में हो गई थी मुल्ला उमर की मौत
मुल्ला उमर अपनी मृत्यु तक तालिबान (Taliban) का नेता बना रहा। बताते हैं कि 2013 में ही लंबी बीमारी के चलते मुल्ला उमर की मौत हो गई थी। हालांकि, तालिबान ने अपने कमांडर की मौत की खबर को दो साल तक छुपाकर रखा। 2015 में दुनिया के सामने आया कि मुल्ला उमर की मौत हो चुकी है।
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