Inspirational Story of Marvan Atapattu: श्रीलंका का एक खिलाड़ी था, उसके दिमाग में बस एक ही चीज चलती थी….क्रिकेट.क्रिकेट और बस क्रिकेट। अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर उसे श्री लंका की टेस्ट टीम में डेब्यू करने का मौका मिला। पहली इन्निंग्स…… जीरो पे आउट, दूसरी इन्निंग्स……. जीरो पे आउट और फिर टीम से निकाल दिया गया। इसके बाद वह लगातार अभ्यास में जुटा रहा। फर्स्ट क्लास मैचेज में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और एक 21 महीने बाद फिर से मौका मिला।
इस बार फिर किस्मत ने साथ नहीं दिया और पहली इन्निंग्स…… जीरो पे आउट, दूसरी इन्निंग्स……. 1 रन पे आउट। होना क्या था वह फिर टीम से बाहर हुआ। लेकिन क्रिकेट के लिए उसका जूनून ही था कि वह पीछे नहीं हटा और फिर वही चला प्रैक्टिस….प्रैक्टिस और सिर्फ प्रैक्टिस।
फर्स्ट क्लास मैचेज में हजारों रन बना डाले और 17 महीने बाद एक बार फिर से मौका मिला। पहली इन्निंग्स…… जीरो पे आउट, दूसरी इन्निंग्स……. जीरो पे आउट। यह तीसरी बार था और वह फिर टीम से निकाल दिया गया।
प्रैक्टिस…
प्रैक्टिस….प्रैक्टिस….प्रैक्टिस…
प्रैक्टिस….प्रैक्टिस…
नाम था मर्वन अट्टापट्टू
… और तीन साल बाद एक बार फिर उस खिलाड़ी को मौका दिया गया। जिसका नाम था मर्वन अट्टापट्टू (Marvan Atapattu) जो भविष्य में बड़ा खिलाड़ी बनकर सामने आया। इस बार अट्टापट्टू नहीं चूका उसने जम कर खेला और ….श्रीलंका की और से 16 शतक और 6 दोहरे शतक जड़ डाले और श्रीलंका का वह सबसे सफल (one of the most successful) कप्तान बना!
सोचिये जिस इंसान को अपना दूसरा रन बनाने में 6 साल लग गए अगर वो इतना बड़ा कारनामा कर सकता है तो दुनिया का कोई भी आदमी कुछ भी कर सकता है! और कुछ कर गुजरने के लिए डंटे रहना पड़ता है…लगे रहना पड़ता है…मैदान छोड़ देना आसान होता है…मुश्किल होता है टिके रहना…और जो टिका रहता है वो आज नहीं तो कल ज़रूर सफल होता है। इसलिए आपने जो कुछ भी पाने का निश्चय किया है उसे पाने की अपनी जिद मत छोडिये… मन से किये छोटे प्रयास हमेशा बड़ा परिणाम देते है। ….यह प्रेरणा से भरा कंटेंट फेसबुक के माध्यम से लिया गया हैं जिसे kalamkunj.com द्वारा एडिट किया गया हैं।
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