बांग्लादेश के इतिहास में 30 अप्रैल कभी नहीं भूल पाने वाला दिन है। 30 अप्रैल के दिन बांग्लादेश में ‘2बी’ नाम के विनाशकारी तूफान ने तबाही मचाई थी। जिसमें लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। बांग्लादेश के लिए 29 अप्रैल 1991 की रात किसी कयामत से कम नहीं थी। यह बंगाल की खाड़ी से उठने वाला समुद्री तूफान था जिसने बांग्लादेश के चटगांव जिले में महाविनाश को अंजाम दिया। इस तबाही में लाखों लोग मर गए और असंख्य लोग बेघर हो गए।
करीब 1.38 लाख लोगों की हुई मौत
इस समुद्री तूफान में 250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही थी। जिसकी वजह से करीब 15 फीट की ऊंचाई तक पानी की लहरें मकानों और बस्तियों को तबाह करती चली गई। देखते ही देखते पूरा चटगांव पानी में बह गया। सब कुछ नष्ट हो चुका था। तबाही का आलम ऐसा था जिसमें न सिर्फ बुजुर्ग बल्कि बच्चे, युवा कोई भी अपनी जान बचा ना सका। जो बच गए वो हर तरीके से तबाह हो चुके थे। इस तबाही में करीब 1.38 लाख मौतें दर्ज की गई थी।
बांग्लादेश को उबरने में लगे कई साल
भारत के पडोसी देश बांग्लादेश के लिए यह तूफान किसी बर्बादी से कम नहीं था। इस तबाही से बांग्लादेश को उबरने में कई साल लग गए। लाखों लोग बेघर हो गए, उन्हें सरकार द्वारा हर संभव मदद उपलब्ध करवाने का प्रयास किया गया। बांग्लादेश को इस तबाही से बड़ा आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। यही नहीं बांग्लादेश की नौसेना और वायुसेना को इस आपदा में काफी क्षति पहुंची। लेकिन ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं, बांग्लादेश हारा नहीं और फिर खड़ा हुआ।