Mukti Gupteshwar Temple, NSW, Australia: सावन का महीना शुरु हो चुका हैं। हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्त्व हैं। सावन में हिंदू धर्म को मानने वाले लोग अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते है। शिव को ‘महाकाल’ के नाम से भी जाना जाता है। कहते है कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूरे मन से पूजा-अर्चना करने पर मनोकामना पूरी होती है। देशभर में शिव के कई पूज्यनीय और दर्शनीय स्थल हैं। शिव के विशेष स्थलों में भारत के अलग-अलग राज्यों में स्तिथ 12 ज्योर्तिलिंग शामिल हैं।
शिव के भक्त न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी मौजूद है। शिव के भारत स्तिथ 12 ज्योर्तिलिंग के अलावा भी कई ऐसे मंदिर है, जो विदेशों में स्तिथ हैं। आज एक ऐसे ही मंदिर के बारे में हम जानकारी लेकर आये है जोकि ऑस्ट्रेलिया में स्तिथ है। ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में यह मंदिर स्तिथ है, जिसका नाम ‘मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर’ हैं। इस मंदिर का संबंध शिव के 13वें ज्योर्तिलिंग से हैं।
दुनिया में पहला और एकमात्र मानव निर्मित गुफा मंदिर
सावन के महीने में ऑस्ट्रेलिया स्तिथ इस शिव मंदिर में भक्तों का जमावड़ा लगता है। मुक्ति गुप्तेश्वर शिव की प्रतिमा वर्ष 1999 में नेपाल के ‘दिवंगत महामहिम महाराजाधिराज बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव’ ने ऑस्ट्रेलिया को उपहार स्वरुप दी थी। यह मंदिर पूरी दुनिया में पहला और एकमात्र मानव निर्मित गुफा मंदिर है। जिसका निर्माण सन 1997 में शुरु किया गया था। 14 फरवरी 1999 को महा शिव रात्रि के शुभ अवसर पर मंदिर का उद्घाटन किया गया। जब महाकाव्य रामायण में वर्णित विभिन्न तारे और ग्रह एक सीध में आ गए थे। यह घटना हर 100 साल में एक बार ही होती है। इसकी प्रतिष्ठा भारत के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता जगद्गुरु के निर्देश पर की गई थी।
सैकड़ों पर्यटकों और तीर्थयात्रियों द्वारा प्रतिवर्ष इस मंदिर का दौरा किया जाता है। मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर में कई हिंदू त्योहार मनाए जाते हैं जैसे महा शिव रात्रि, श्रावण, भैरव अष्टमी आदि। दुनिया भर से लोग मंदिर में दर्शन करने आते हैं। 13वां ज्योतिर्लिंग एक मानव निर्मित गुफा मंदिर के अंदर स्तिथ है। शिव पुराण की कोटि रुद्र संहिता में सूत मुनि का कथन हैं कि केदारनाथ से रामेश्वरम तक 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा भगवान शिव के 9 उप-ज्योतिर्लिंग भी अस्तित्व में है।
अंदर से कैसा हैं मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर
मुक्ति गुप्तेश्वर महादेव मंदिर की मुख्य मूर्ति है। मंदिर के अंदर 12 अन्य मानव निर्मित ज्योतिर्लिंगों की प्रति-कृतियां हैं। इसके अलावा मंदिर के अंदर भगवान शिव के 108 मानव निर्मित लिंग और भगवान शिव के 1008 पंखे हैं। गुफा के अंदर भगवान शिव के मंदिर की कुल 1228 प्रतिकृतियां हैं। गुफा के अंदर 10 मीटर गहरी तिजोरी है, जिसके अंदर दुनिया भर के आगंतुकों के 2 मिलियन से अधिक हस्तलिखित नोट हैं, प्रत्येक में “ओम नमः शिवाय” लिखा हुआ है। तिजोरी में ऑस्ट्रेलिया की सभी प्रमुख नदियों और पांच महासागरों सहित दुनिया भर की 81 विभिन्न नदियों का पानी भी शामिल है। तिजोरी के अंदर 8 बहुमूल्य धातुएं भी है। मुख्य मंदिर के अलावा गुफा के अंदर तीन अन्य मंदिर हैं जो मठ मंदिर, रामपार्वती मंदिर और गणेश मंदिर हैं।
मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर का निर्माण एवं वास्तुकला
इस मंदिर का निर्माण कार्य सितंबर 1997 को शुरू हुआ था। लगभग 1450 वर्ग मीटर का फर्श क्षेत्र भूमिगत बनाया गया है। गुफा के ऊपर एक गणेश मंदिर है जो जमीन के ऊपर एकमात्र निर्माण है। गणेश मंदिर परिसर के ठीक बीच में स्थित है। मंदिर की भूमिगत सरंचना बनाने के लिए लगभग 65000 क्यूबिक मीटर मिट्टी हटाई गई थी। मंदिर निर्माण के लिए 860 घन मीटर उच्च शक्ति कंक्रीट और 380 घन मीटर सामान्य कंक्रीट इस्तेमाल में लाया गया था।
मंदिर स्थल को सुंदर बनाने के लिए मंदिर परिसर के अंदर लगभग 5000 पेड़ लगाए गए थे। ये सभी चीजें मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर को अपनी तरह का अनोखा मंदिर बनाती हैं। इस अद्भुत निर्माण को बनाने में निर्माताओं को लगभग 2 साल का समय लगा था।
मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर के मुख्य त्यौहार
महाशिवरात्रि: महा शिव रात्रि मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दौरान दुनिया भर से लोग मंदिर में आते हैं। ब्राह्मण पुजारी उस दिन सुबह लगभग 9 बजे धार्मिक अनुष्ठान शुरू करते हैं। गर्मियों से ठीक पहले हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने में त्योहार होता है। यह आमतौर पर फरवरी या मार्च के महीने में आता है। अन्य धार्मिक त्योहारों के विपरीत यह त्योहार रात में शुरू होता है। मंदिर समिति हजारों अन्य भक्तों के साथ मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर में पूरी रात उत्सव मनाती है। हिंदू धर्म को मानने वाली महिलाएं गुप्तेश्वर की मूर्ति को पवित्र जल से धोती हैं।
गणेश चतुर्थी: गणेश चतुर्थी मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर का एक और बड़ा त्योहार है। शिव मंदिर के अलावा यहां एक गणेश मंदिर भी है। मंदिर समिति हर साल उत्सव मनाती है। गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाने के लिए है। यह त्यौहार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से शुरू होता है जो आमतौर पर सितंबर के महीने में पड़ता है। उस विशेष दिन पर हजारों हिंदू भक्त मंदिर में आते हैं।
रामनवमी: रामनवमी हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार है। उस दिन हिंदू भगवान राम का जन्म मनाते हैं। यह त्योहार हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के नौवें दिन मनाया जाता है, जिसे “चैत्र शुक्ल नवमी” के रूप में जाना जाता है। यह त्योहार आम तौर पर हर साल मार्च या अप्रैल के महीने में होता है और मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर समिति उस दिन हजारों हिंदू भक्तों के साथ त्योहार मनाती है।
श्रावण: श्रावण भारतीय कैलेंडर का पाँचवाँ महीना है। हिंदू धर्म को मानने वाले पूरे महीने भगवान शिव की भक्ति करके उत्सव मनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया के मिंटो के मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर में हिंदू धर्म को मानने वाले एक महीने तक चलने वाले इस त्योहार को मनाते हैं।
मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर के पास अन्य देखने योग्य स्थान
ऑस्ट्रेलियाई वनस्पति उद्यान: मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर के पास ऑस्ट्रेलियाई वनस्पति उद्यान सबसे बड़े आकर्षणों में से एक है। 416 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाला यह ऑस्ट्रेलिया का सबसे लोकप्रिय वनस्पति उद्यान है। यह मंदिर से केवल 10 किमी दूर है।
कैम्पबेलटाउन गोल्फ क्लब: यदि आपको गोल्फ पसंद है तो आपको कैंपबेलटाउन गोल्फ क्लब अवश्य जाना चाहिए जो 18 होल वाला गोल्फ कोर्स है। यह शहर के सबसे लोकप्रिय गोल्फ कोर्स में से एक है और मंदिर से सिर्फ 11 किमी दूर है।
मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर तक कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग द्वारा: सिडनी हवाई अड्डा मंदिर से निकटतम है, जो मंदिर से लगभग 40 किमी दूर है। आप मंदिर जाने के लिए सार्वजनिक परिवहन जैसे बसें ढूंढ सकते हैं या कैब या किराये की कार बुक कर सकते हैं।
सड़क मार्ग से: पूरे एनएसडब्ल्यू से बहुत सारी बसें मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर तक आती हैं। आप मंदिर जाने के लिए निजी कार भी बुक कर सकते हैं।
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