CM Mohan Yadav: डॉ मोहन यादव को मध्यप्रदेश का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। शिवराज सिंह चौहान को दरकिनार कर भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश की जनता को सीएम के रुप में एक नया चेहरा सौंपा है। ‘मोहन यादव’ के नाम के एलान के साथ ही हर मन में सिर्फ एक ही सवाल आ रहा है कि ‘आखिर मोहन यादव हैं कौन?’ यकायक मजबूत दावेदारी कर रहे जाने-माने चेहरों को सीएम कुर्सी न देते हुए नए चेहरे को सामने लाने की क्या वजह हैं?
डॉ मोहन यादव (Dr Mohan Yadav Political Career) ने अपने राजनीति सफर की शुरुआत छात्र जीवन से की थी। अब वह मध्यप्रदेश की सत्ता के शीर्ष पर विराजमान हो चुके है। जगदीश देवड़ा (Jagdish Deora) और राजेंद्र शुक्ला (Rajendra Shukla) प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को एमपी विधानसभा स्पीकर (MP Assembly Speaker) की जिम्मेदारी दी गई है।
सीएम मोहन यादव का परिवार
Dr Mohan Yadav 2013 और 2018 के बाद 2023 में भी उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट (Ujjain South Assembly Seat) पर चुनाव जीते हैं। 25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्मे मोहन यादव के पिता का नाम पूनमचंद यादव और माता का नाम लीलाबाई यादव हैं। उनकी पत्नी सीमा यादव हैं।
मोहन यादव की शिक्षा और करियर
- माधव विज्ञान महाविद्यालय से ‘डॉ. मोहन यादव’ ने पढ़ाई की है।
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री भी रहे।
- सन 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए।
- भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य रहे हैं।
- मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण केप्रमुख, पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं।
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कांग्रेस ने लगाए थे गंभीर आरोप
उज्जैन के मास्टर प्लान को लेकर कांग्रेस ने Dr Mohan Yadav पर गंभीर आरोप लगाए थे। कांग्रेस का कहना था कि मोहन यादव ने पारिवारिक लाभ लेने के लिए मास्टर प्लान को गलत तरीके से पास कराया। हालांकि यादव ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। बाद में मामला ठंडा पड़ गया।
विवादित बयान भी रहा चर्चा में
माता सीता को लेकर ‘मोहन यादव’ ने एक विवादित बयान भी दिया था, जो काफी चर्चित रहा। उन्होंने कहा था कि मर्यादा के कारण भगवान राम को सीता को छोड़ना पड़ा था। उन्होंने वन में बच्चों को जन्म दिया। कष्ट झेलकर राम की मंगलकामनना की। आज के दौर में ये जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है।