पहलवानी का खेल देश-दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। अखाड़े में पहलवानों के बीच फाइट देखकर हमारे जेहन में यह सवाल जरूर होता है कि, वह फौलादी शरीर बनाने के लिए आखिर खाते क्या है ? पहलवानों के लिए विशेष डाइट होती है जिसे वह अपनी लाइफ में फॉलो करते है। पहलवानों जैसा अनुशासन फॉलो करना हर किसी के बस में नहीं होता। प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर वर्जिश करना और सुबह-सुबह जल्दी उठकर कंपाउंड के चारों ओर दौड़कर चक्कर लगाना, यह काम कोई पहलवान ही कर सकता है। एक नजर भारत के सबसे बड़े दिवंगत पहलवान दारा सिंह के जीवन पर…
महाबली हनुमान बने पहलवान दारा सिंह
दारा सिंह को मौजूदा पीढ़ी के लोग ‘हनुमान जी’ के नाम से भी जानते है। दरअसल एक समय दुनिया के सबसे बड़े रेसलर रहे दारा सिंह हिंदी फिल्मों के मंझे हुए अभिनेता भी थे। उन्होंने रामानंद सागर द्वारा रचित टीवी धारावाहिक ‘रामायण’ में राम भक्त हनुमान का किरदार बेहद शानदार तरीके से निभाया था। टीवी जगत में यह पहला मौका था जब वाल्मीकि द्वारा संस्कृत में लिखित रामायण को चलचित्र के माध्यम से आम जनता तक सीधे संवादों में पहुंचाया गया था। रेसलर होने की वजह से दारा सिंह का शरीर महाबली जैसा था। इसी कारण उन्हें जनता ने महाबली हनुमान के किरदार में काफी ज्यादा पसंद भी किया।
पूरे रेसलिंग करियर में रहे अपराजित
19 नवंबर 1928 को पंजाब के अमृतसर में जन्मे दारा सिंह अपने समय के प्रोफेशनल रेसलर रहे है। लगभग 55 वर्षों तक करियर में रेसलिंग की और पांच सौ से अधिक मुकाबलों में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कभी भी हार का मुंह नहीं देखा। करियर का अंतिम मुकाबला काफी रोचक और यादगार रहा, जिसमें उन्होंने खुद से 70 किलो वजनी पहलवान किंगकांग के साथ फाइट की। उस वक्त दारा सिंह 130 किलो और किंगकांग पूरे 200 किलो के थे। 60 के दशक के उस मुकाबले का टिकट 30 रुपये का बिका था, जो उस समय की काफी बड़ी रकम भी थी। लेकिन लोगों ने टिकट खरीदा भी और मुकाबला देखा भी।
200 किलो के पहलवान को चटाई धूल
रांची के अब्दुल बारी पार्क में हुए इस मुकाबले में 130 किलो के दारा सिंह ने 200 किलो के किंगकोंग के खिलाफ काला-पंजा दांव लगाया और उसे रिंग के बाहर उठाकर पटक दिया। पूरे रेसलिंग करियर में अपराजित रहे दारा सिंह को ‘रुस्तम-ए-हिन्द’ की उपाधि से नवाजा गया। बड़े-बड़े पहलवानों को अखाड़े की धूल चटाने वाले दारा सिंह भले ही आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी डाइट की चर्चा आज भी होती है। एक नजर दारा सिंह के हेल्दी जीवन पर…
दारा सिंह में सुबह के नाश्ते को हमेशा नजरअंदाज किया करते थे। वह सिर्फ लंच और डिनर किया करते थे। खुद को फिट रखने के लिए दारा प्रतिदिन दस सिल्वर के वर्क के साथ 8 रोटी एक समय के अंदर खा लिया करते थे। इसके साथ ही वह रोजाना दो लीटर दूध और आधा किलो मीट, 100 ग्राम बादाम, मुरब्बा, घी और ठंडाई का सेवन करते थे। शरीर से सारे टॉक्सिन्स निकालने और मेटाबोलिज्म दुरुस्त करने के लिए वह हफ्ते में एक दिन उपवास करते थे।
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