Kaise Bane Lalu Itne Mashoor Neta : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत की राजनीति के दिग्गज लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ना सिर्फ भारत बल्कि विश्वभर में जाने जाते हैं। लंबे समय से चुनावी मैदान से दूर होने के बाबजूद बिहार की राजनीति में आज भी उनकी तूती बोलती हैं। लालू देश के सफल रेलमंत्रियों में से एक माने जाते हैं। लालू प्रसाद यादव का भाषण देने का उम्दा और मजाकिया लहजे वाला अंदाज और बेबाकी उन्हें सब नेताओं से अलग बनाती हैं।
लालू प्रसाद यादव का जीवन सफर
लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का जन्म 11 जून 1947 को बिहार के गोपालगंज जिले के फुलवरिया गांव में हुआ। शुरुआती पढ़ाई गोपालगंज से हुई और कॉलेज की पढ़ाई के लिए वे पटना आ गए। पटना के बीएन कॉलेज से इन्होंने लॉ में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई भी पूरी की।
कॉलेज से ही राजनीति में कूदे
कॉलेज के दिनों में ही लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) राजनीति में कूद गए थे। छात्र नेता के रूप में शुरुआत की और इसी दौरान जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़े और यहीं से उनके राजनीतिक जीवन परवान चढ़ना शुरू हो गया था। महज 29 साल की आयु में ही लालू यादव जनता पार्टी की तरफ से छठीं लोकसभा के लिए चुने गए। 1 June 1973 को लालू यादव की शादी राबड़ी देवी से हुई। लालू प्रसाद की कुल 7 बेटियां और 2 बेटे हैं।
1990 में पहली बार संभाली CM की कुर्सी
10 मार्च 1990 को लालू पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। 1995 में एक बार फिर लालू ने मुख्यमंत्री पद संभाला। 1997 में लालू प्रसाद ने जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का निर्माण किया और खुद उसके अध्यक्ष बने। साल 2004 में यूपीए की सरकार में लालू यादव रेलमंत्री बने।
लालू प्रसाद 8 बार बिहार विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं।
1997 में जब सीबीआई ने उनके खिलाफ चारा घोटाला मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया तो यादव को मुख्यमंत्री पद से छोड़ना पड़ा। अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सत्ता सौंपकर वे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष बन गए। 3 अक्टूबर 2013 को पांच साल की कैद व पच्चीस लाख रुपये के जुर्माने की सजा हुई। लोक सभा की सदस्यता भी गंवानी पड़ी। भारतीय चुनाव आयोग के नए नियमों के अनुसार लालू प्रसाद के 11 साल तक लोक सभा चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई।
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