हिंदी सिने इंडस्ट्री ने आज अपने एक बेहतरीन कलाकार को हमेशा के लिए खो दिया। जिसका नाम है इरफान खान। चैलेंजिंग किरदार निभाने के लिए मशहूर रहे इरफान ने बॉलीवुड की कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया। उनकी प्रमुख फिल्मों में द लंचबॉक्स, लाइफ ऑफ पाइ, हिंदी मीडियम, स्लमडॉग मिलेनियर, पीकू, पान सिंह तोमर, हैदर, मकबूल, हासिल जैसे कई नाम शामिल है। न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि हॉलीवुड में भी इरफान ने अपने अभिनय के झंडे गाड़े।
क्रिकेट में ऑलराउंडर की भूमिका निभाते थे इरफान
सिर्फ एक्टिंग ही नहीं इरफान क्रिकेट के भी शौकीन रहे है। फिल्मों में आने से पहले इरफान खान एक प्रोफेशनल क्रिकेटर बनना चाहते थे। वह अपने इस सपने को पूरा करने की तरफ अग्रसर थे, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से उनका यह सपना टूट गया। साल 2017 में एक इंटरव्यू के दौरान इरफान ने बताया था कि वह क्रिकेट में ऑलराउंडर की भूमिका निभाते थे। फिर भी वह बल्लेबाजी से ज्यादा गेंदबाजी पसंद करते थे। उनके कप्तान को उनकी गेंदबाजी भाती थी।
कर्नल सीके नायडू टूर्नामेंट में खेलने के लिए हुआ चयन
इरफान बताते है कि कप्तान के कहने पर वह प्रोफेशनल गेंदबाज बन गए। उन्हें नहीं पता कैसे लेकिन जब कप्तान उन्हें अच्छी गेंद फेंकने के लिए कहते थे तो उन्हें विकेट मिल भी जाता था। इरफान बताते है कि उनकी इस क्रिकेट प्रतिभा के कारण उन्हें कर्नल सीके नायडू टूर्नामेंट में खेलने के लिए चुन लिया गया था। इस टूर्नामेंट में 23 साल से कम उम्र के क्रिकेटर हिस्सा ले रहे थे। लेकिन उनके घर की स्तिथि ठीक नहीं थी इसलिए उन्हें झूठ बोलकर खेलने जाना पड़ता था।
पैसों की तंगी की वजह से टूटा क्रिकेटर बनने का सपना
अभिनेता के मुताबिक उन्हें सीके नायडू टूर्नामेंट में खेलने के लिए अजमेर जाना था। जिसके लिए उन्हें जयपुर से अजमेर की यात्रा के लिए 200-250 रुपये की आवश्यकता थी। वह पैसे की व्यवस्था करने में असमर्थ रहे और उनका सपना वही धरा रह गया। इरफान का कहना था कि उस दिन के बाद वह अच्छी तरह समझ गए थे कि वह क्रिकेट के प्रोफेशन में आगे नहीं बढ़ सकते। इसके बाद उन्होंने अपने मन से क्रिकेट खेलने का विचार हमेशा के लिए त्याग दिया।