फवाद मिर्जा अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारतीय घुड़सवार है। इस खेल में Fouaad Mirza ने देश का नाम कई मौकों पर रोशन किया है। वह Tokyo Olympics 2020 में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है। वह इस टूर्नामेंट में मेडल जीतने में सफल नहीं रहे लेकिन 20 साल के लंबे इंतजार के बाद ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय घुड़सवार होने का गौरव हासिल किया। उनसे पहले यह कारनामा 1996 में विंग कमांडर आईजे लाम्बा और 2000 में इम्तियाज अनीस ने किया।
2019 Asian Games में Fouaad Mirza ने Gold Medal हासिल किया था। उस समय वह 36 साल के अंतराल के बाद घुड़सवारी स्पर्धा में एशियाई खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। इसके बाद ही Olympic Equestrian में Fouaad Mirza ने क्वालीफाई किया, जो देश के लिए गौरव का क्षण था।
2018 में जीते एक ही इवेंट में 2 रजत पदक
6 मार्च 1992 को बैंगलोर के कर्नाटक में जन्मे फवाद मिर्जा 2018 Asian Games में व्यक्तिगत स्पर्धा और टीम स्पर्धा दोनों में Silver Medal जीतने में सफल रहे थे। इस उपलब्धि के साथ ही वह 1982 के बाद Asian Games में पदक जीतने वाले पहले भारतीय घुड़सवार बने।
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बचपन से ही मिला घोड़ों के बीच का माहौल
फवाद मिर्ज़ा के पिता डॉ. हसनेन मिर्ज़ा भारत के शीर्ष अश्व पशु चिकित्सकों में से एक रहे हैं। Fouaad Mirza के बड़े भाई एक पशु चिकित्सक है। बचपन से ही फवाद की घोड़ों में रूचि बढ़ने लगी थी। वह महज 5 साल की उम्र से ही घुड़सवारी करने लग गए थे। 2019 में फवाद मिर्ज़ा को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों Arjun Award से सम्मानित किया गया। फवाद ने ग्रेट ब्रिटेन के नॉर्थम्प्टन विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान की पढ़ाई की है।
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2012 Summer Olympics में फवाद मिर्ज़ा व्यक्तिगत कांस्य पदक और टीम स्वर्ण पदक के विजेता रहे हैं। उन्हें बैंगलोर स्तिथ रियल एस्टेट डेवलपर कंपनी Embassy Group द्वारा स्पोंसर किया जाता है। फवाद के तमाम इवेंट्स का खर्चा इसी कंपनी द्वारा वहन किया जाता है।
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