ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) को बर्मिंघम में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा हैं। दरअसल, लवलीना राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह को बीच में ही छोड़ चली गई थी। उन्हें अगले दिन सुबह ट्रेनिंग के लिए जाना था लेकिन उन्हें टैक्सी नहीं मिली। इस वजह से उन्हें करीब एक घंटे तक फंसे रहना पड़ा। बता दे Commonwealth Games 2022 का उद्घाटन समारोह गुरुवार रात को लगभग दो घंटे तक चला था।
समारोह के बीच में लवलीना ने खेल गांव ने निकलने की ठानी। उनके साथ भारतीय मुक्केबाजी दल के एक अन्य सदस्य मुहम्मद हुसामुद्दीन भी थे। खेल गांव अलेक्जेंडर स्टेडियम से लगभग 30 मिनट की दूरी पर था। समारोह बीच में छोड़कर निकलने के फैसले पर पूछे जाने पर लवलीना ने कहा कि उन्हें अगली सुबह अभ्यास के लिए जाना था क्योंकि उनके पास सिर्फ एक ही दिन बचा था। लकिन बदकिस्मती से उस समय हमारे लिए टैक्सी भी उपलब्ध नहीं थी।
जानकारी के मुताबिक लवलीना और हुसामुद्दीन को अपने आवास पर वापस जाने के रास्ते के बारे में पता नहीं था। ऐसे में उन्होंने बाद में राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र के पास गांव के लिए पहली बस ली। आयोजकों ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल को तीन कारें दी हैं, लेकिन उनके ड्राइवर उपलब्ध नहीं थे। दरअसल, Commonwealth Games 2022 के उद्घाटन समारोह में सभी एथलीट और अधिकारी बसों से आए थे। ऐसे में सभी टैक्सी ड्राइवर छुट्टी पर भेजे गए थे।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने जताई नाराजगी
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के उपाध्यक्ष राजेश भंडार ने पूरे मामले पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा यदि मुक्केबाजों को जल्दी जाना था तो उन्हें समारोह में आना ही नहीं चाहिए था। उनके अलावा भी कई ऐसे एथलीट थे जिन्हें सुबह प्रशिक्षण या प्रतियोगिता में जाना था और वो समारोह में आए ही नहीं। भंडारी ने कहा कि वह इस मामले पर बॉक्सिंग टीम से बात करेंगे।
महिला क्रिकेट टीम समारोह में नहीं गई
Commonwealth Games 2022 का उद्घाटन समारोह गुरुवार रात हुआ। जिसमें पहली बार Commonwealth Games के इतिहास में भाग ले रही भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने न जाने का फैसला लिया। क्योंकि उन्हें अगली सुबह ऑस्ट्रेलिया के साथ मुकाबला खेलना था। वह होटल में ही रुकी रही।
समारोह में कुल 164 एथलीटों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जो भारतीय दल का आधा है। इससे पहले, लवलीना ने उनकी निजी कोच संध्या गुरुंग को खेल गांव के अंदर नहीं जाने का आरोप लगाया था। बाद में गुरुंग के खेल गांव के अंदर जाने की व्यवस्था की गई।