हर साल 1 May को इंटरनेशनल मजदूर दिवस (International Workers Day) मनाया जाता है। 1 May का दिन विश्वभर के उन लोगों के लिए समर्पित किया जाता है, जो अपने खून-पसीने की मेहनत से इस दुनिया को चलाने में अपना बड़ा योगदान दे रहे है। इस दिवस की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई, जब अमेरिका में मजदूर यूनियनों ने काम का समय 8 घंटे से ज्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। जिसके बाद से लेकर आज तक यह दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
दुनिया के हर देश के अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे श्रमिक भाइयों को समर्पित यह दिन बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दुनियाभर की कंपनियां इस दिन मजदूरों को अवकाश प्रदान करती है। अधिकतर देशों में मजदूर दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित होता है। हमारे देश भारत में भी इस दिवस को मजदूरों के सम्मान के रूप में मनाया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना संकट के कारण लागू लॉकडाउन के चलते यह दिवस मनाया जाना संभव नहीं है।
मजदूर दिवस का इतिहास
मई 1, 1866 को अमेरिका में कई मजदूर संगठनों ने काम का समय 8 घंटे करने की मांग उठाई थी। दरअसल उस समय मजदूरों से 8 घंटे से ज्यादा काम करवाया जाता था। इसलिए इसे निश्चित करवाने के लिए मजदूरों ने हड़ताल की थी। हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ, जिसके बारे में कोई जानकारी अंत तक भी हासिल नहीं हो पाई। बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए गोलियां चला दी, जिसमें कई मजदूर मारे गये।
इस घटना के बाद शहीद मजदूरों की याद में पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया। जिसके बाद धीरे-धीरे इस दिवस को भारत समेत दुनिया के करीब 80 देशों ने अपना लिया। तब से लेकर आज तक इस दिवस राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस दिवस सभी मजदूरों और कामगारों का अवकाश रहता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे भारत में मजदूर दिवस की शरुआत सर्वप्रथन चेन्नई में 1 मई 1923 को भारतीय मजदूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने की थी।
मजदूर दिवस का महत्व
यह दिवस याद दिलाता है कि आज जो भी ऐशो-आराम दुनिया में मौजूद है, वह सिर्फ मजदूरों की ही देन है। यदि मजदूर नहीं होते तो यह असम्भव था। ऐसे में मजदूर दिवस एक जरिया है दुनियाभर के उन मेहनतकश कामगारों को धन्यवाद देने का, जिनकी वजह से हमारा जीवन जीना काफी सरल हो गया है।
कैसे मनाया जाता है मजदूर दिवस?
मजदूर दिवस का दिन कामगारों के लिए अपनी मांगे उठाने का दिन माना जाता है। इस दिवस पर मजदूरों के परिवारों के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी चलाये जाते है। निबंध, वाद-विवाद और कला प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों को इस दिन का महत्त्व समझाया जाता है। सोशल मीडिया के समय में मजदूर दिवस से जुड़े कीवर्ड्स ट्रेंड करने लगते है। इसके अलावा अलग-अलग क्षत्रों में काम करने वाले श्रमिक बंधु एक-दूसरे को बधाई संदेश प्रेषित करते है।