Cricket World Cup Flashback Story: आईसीसी वनडे क्रिकेट विश्वकप का 13वां संस्करण 5 अक्टूबर 2023 से भारत में खेला जाएगा। भारत की मेजबानी में खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट का फैंस को बेसब्री से इंतजार हैं। टूर्नामेंट के लिए बीसीसीआई ने कुल 10 अलग-अलग वेन्यू निर्धारित किये है, जिसमें कोलकाता के ईडन गार्डन्स का भी नाम शामिल है। ईडन गार्डन्स में विश्वकप के कुल 5 मैच खेले जाएंगे। जिनकी जानकारी नीचे दी जा रही है-
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28 अक्टूबर बांग्लादेश बनाम क्वालीफायर 1
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31 अक्टूबर पाकिस्तान बनाम बांग्लादेश
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5 नवंबर भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका
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12 नवंबर इंग्लैंड बनाम पाकिस्तान
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16 नवंबर दूसरा सेमीफाइनल
वर्ल्ड कप में आग से धधक उठा था ईडन गार्डन
आईसीसी ने विश्व कप 2023 का शेड्यूल जारी किया तो उसमें कोलकाता के ईडन गार्डन का नाम देखकर कुछ पुरानी कड़वी विश्वकप यादें ताजा हो गई हैं। बात विश्वकप 1996 की हैं, जब भारत के माथे पर बड़ा कलंक लगा था। दरअसल, इस मैदान पर भारत और श्रीलंका के बीच सेमीफाइनल खेला जा रहा था। मैच में भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का निर्णय लिया।
भारतीय गेंदबाज अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। लेकिन श्रीलंकाई बल्लेबाज अरविंद डि सिल्वा मैदान पर ऐसे टिके की पूरी पारी को संभाल लिया। सिल्वा ने मैच में 66 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। डि सिल्वा के अलावा रोशन महानामा ने भी 58 रन बना डाले। इस तरह श्रीलंका ने 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 251 रन का स्कोर खड़ा कर दिया।
अब चुनौती भारत के सामने थी। टीम इंडिया के लिए नवजोत सिंह सिद्धू और सचिन तेंदुलकर ने पारी की शुरुआत की। लेकिन सिद्धू सस्ते में आउट हो गए और सचिन मैदान पर डट गए। सचिन ने अर्धशतकीय पारी खेलते हुए भारत का स्कोर 100 रनों के करीब ला दिया। 25वें ओवर तक सब ठीक था लेकिन इसके बाद मामला बिगड़ना शुरु हुआ। टीम का स्कोर 25 ओवर में 1 विकेट पर 98 रन था।
क्रीज पर सचिन तेंदुलकर और संजय मांजरेकर थे। सचिन 67 रन बनाकर खेल रहे थे तभी सनथ जयसूर्या ने उन्हें स्टंप आउट करा दिया। इसके बाद टीम इंडिया के विकेट एक के बाद एक पत्तों की तरह गिरने लगे।
भारतीय कप्तान अजहरुद्दीन अपना खाता भी नहीं खोल सके। लगातार विकेट गिरते देख स्टेडियम में मौजूद कुछ निराश दर्शक बेकाबू हो गए। उन्होंने बोतलें मैदान पर फेंकनी शुरू कर दी। जिसकी वजह से खेल को रोकना पड़ गया। श्रीलंकाई फील्डर बाउंड्री से हटकर पिच के पास आ पहुंचे। कुछ बदमिजाज दर्शकों ने स्टेडियम की सीटों पर आग लगा दी। इसके बाद हालात काबू से बाहर होने लगे। पूरा मैदान सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों से घिर गया। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में शायद इससे पहले ऐसा दृश्य कभी नहीं देखा गया था। पुलिस ने हालात को काबू करने का प्रयास किया। बहुत मशक्कत के बाद जैसे तैसे खेल को शुरू करने की कोशिश हुई। उस समय भारत के लिए क्रीज पर विनोद कांबली और अनिल कुंबले खेल रहे थे। भारत की हार लगभग तय थी लेकिन कांबली डटे थे। लेकिन तमाम प्रयासों के बाद जब हालात नहीं सुधरे, तो मैच रेफरी क्लाइव लॉयड ने श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया।
सफल आयोजन से कलंक मिटाने का रहेगा प्रयास
1996 विश्वकप में हुई इस घटना के तीन दिन बाद ही श्रीलंका की टीम लाहौर में खेले गए फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर विश्व चैंपियन बनी। लेकिन भारत के माथे पर हमेशा के लिए कलंक लग गया। देश के सबसे सुंदर स्टेडियमों में से एक ईडन गार्डन्स के नाम कई ऐतिहासिक उपलब्धियां भी दर्ज हैं। इस मैदान पर साल 1987 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच विश्व कप का फाइनल खेला गया था। 2016 में इसी मैदान पर इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टी20 विश्व कप की खिताबी मुकाबला हुआ। ऐसे कई ऐतिहासिक लम्हे रहे जिसका ईडन गार्डन्स गवाह बना लेकिन 1996 का कलंक आज तक नहीं मिट पाया।
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