76th Independence Day: 15 August 2023- Desh Bhakti Geet in Hindi: भारत देश इस 15 अगस्त को अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट कर रहा हैं। देशप्रेम से लबरेज लोग इस दिन देशभक्ति गीत गाकर अथवा सुनकर उनमें मगन हो जाते हैं। देशभर में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजन होता हैं, जिसमें देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले क्रांतिकारियों की कहानियों को नाट्य और गीतों के जरिये स्मरण किया जाता हैं। यहां हम आपको कुछ देशभक्ति गीत बता रहे है, जो आपको पसंद आएंगे।
मेरे देश की धरती
Bharat Desh-bhakti Geet – Mere Desh ki Dharti Lyrics
रचनाकार – गुलशन बावरा, फिल्म – उपकार
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरतीबैलों के गले में जब घुँघरू जीवन का राग सुनाते हैं
ग़म कोस दूर हो जाता है खुशियों के कंवल मुसकाते हैं
सुन के रहट की आवाज़ें यों लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे ||1||मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरतीजब चलते हैं इस धरती पे हल ममता अँगड़ाइयाँ लेती है
क्यों ना पूजे इस माटी को जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जनम लिया उसने ही पाया प्यार तेरा
यहाँ अपना पराया कोई नही हैं सब पे माँ उपकार तेरा ||2||मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरतीये बाग़ हैं गौतम नानक का खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ
रंग हरा हरिसिंह नलवे से रंग लाल है लाल बहादुर से
रंग बना बसंती भगतसिंह रंग अमन का वीर जवाहर से ||3||मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती
अब तुम्हारे हवाले है वतन साथियों
Desh-bhakti Geet – Ab Tumhare Hawaale Watan Saathiyo Lyrics
रचनाकार: कैफी आज़मी, फिल्म – हक़ीकत
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथीयों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …सांस थमती गई, नब्ज जमती गई,
फिर भी बढ़ते कदम को ना रुकने दिया
कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते मरते रहा बाँकपन साथीयों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …||1||जिन्दा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज आती नहीं
हुस्न और इश्क दोनो को रुसवा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
बाँध लो अपने सर पर कफ़न साथीयों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …||2||राह कुर्बानियों की ना वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नये काफ़िले
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
जिन्दगी मौत से मिल रही है गले
आज धरती बनी है दुल्हन साथीयों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …||3||खेंच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाये ना रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाये ना सीता का दामन कोई
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथीयों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथीयों …||4||
यह भी पढ़े: जब गीत गाकर महाराणा प्रताप ने की देश की रक्षा, यह कहानी जगा देगी देशभक्ति
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
Desh Bhakti Geet in Hindi – Hai Preet Jahaa Ki Reet Sadaa Lyrics
रचनाकार: इंदीवर, फिल्म – पूरब और पश्चिम
जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने, दुनिया को तब गिनती आई
तारों की भाषा भारत ने, दुनिया को पहले सिखलाईदेता ना दशमलव भारत तो, यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था
धरती और चाँद की दूरी का, अंदाज़ लगाना मुश्किल थासभ्यता जहाँ पहले आई, पहले जनमी है जहाँ पे कला
अपना भारत वो भारत है, जिसके पीछे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा, ज्यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया
भगवान करे ये और बढ़े, बढ़ता ही रहे और फूले-फले||1||है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँकाले-गोरे का भेद नहीं, हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और न आता हो हमको, हमें प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया, मैं बात वही दोहराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ||2||जीते हो किसीने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है
जहाँ राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है
इतने पावन हैं लोग जहाँ, मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ||3||इतनी ममता नदियों को भी, जहाँ माता कहके बुलाते है
इतना आदर इन्सान तो क्या, पत्थर भी पूजे जातें है
उस धरती पे मैंने जन्म लिया, ये सोच के मैं इतराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ||4||