देश में बढ़ते कोरोना संकट के बीच लोगों को जांच कराने में काफी परेशानियां आ रही है। इसलिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने घर में ही कोविड जांच में काम आने वाली ‘कोविसेल्फ’ किट को मंजूरी दे दी है। इस जांच किट के जरिये अब कोई भी घर बैठे ही कोरोना संक्रमण की जांच कर सकता है। यह एक रैपिड एंटीजेन टेस्ट (आरएटी) किट है। जिसके इस्तेमाल के लिए आईसीएमआर ने एडवाईजरी जारी की हैं, जिसे जानना जरुरी है।
आईसीएमआर का कहना है कि इस कोविसेल्फ किट के बाद अब लोग महज 250 रुपये खर्च कर घर पर ही कोरोना की जांच कर सकते है। इस किट को देश की सात लाख से ज्यादा फार्मेसी पर अगले हफ्ते तक उपलब्ध करवा दिया जायेगा। इसके अलावा इसे कंपनी के ऑनलाइन फार्मेसी पार्टनर के जरिए भी मंगाया जा सकता है। कंपनी प्रमुख सुजीत जैन के अनुसार कंपनी की तरफ से देश के 90 प्रतिशत इलाकों में इस किट को पहुंचानाने का लक्ष्य रखा गया है।
दो मिनट में जांच, 15 मिनट में नतीजे
सुजीत जैन के अनुसार, इस किट की मदद से महज दो मिनट में कोरोना टेस्ट किया जा सकता है। इसके बाद मात्र 15 मिनट में जांच का नतीजा सामने आ जाएगा। आईसीएमआर ने कहा है कि इस सेल्फ टेस्ट किट का रिजल्ट पॉजिटिव आने पर आरटी-पीसीआर जांच कराने की जरूरत नहीं है। ICMR ने कहा है कि इस जांच किट का इस्तेमाल बार-बार और बिना सोचे-समझे न करें। इसका इस्तेमाल वहीं करे जिसमें कोई लक्षण हो या पॉजिटिव के संपर्क में आया हो।
जांच में पॉजिटिव आने पर क्या करें?
ICMR के दिशानिर्देशों के अनुसार, कोविसेल्फ टेस्ट किट की जांच में रिजल्ट ‘पॉजिटिव’ आने पर दोबारा टेस्ट करवाने की जरुरत नहीं हैं। ऐसे में सावधानी बरतते हुए होम आइसोलेशन में रहें और जरुरी कोरोना नियमों का पालन करें। वहीं, यदि जांच में रिजल्ट ‘नेगेटिव’ आता है तो उन्हें आरटी-पीसीआर कराना चाहिए। ऐसा इसलिए जरुरी है क्योंकि कम वायरस लोड के कारण रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग के जरिए कुछ मामलों में इसकी पुष्टि नहीं हो पाती है।
सीखने के लिए मोबाइल एप की मदद लें
कोविसेल्फ टेस्ट किट का इस्तेमाल समझने के लिए कंपनी के एप की मदद ले सकते हैं। जांच करने वाले सभी लोगों को टेस्टिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद टेस्ट स्ट्रिप की तस्वीर लेनी है। ध्यान रहे तस्वीर उसी मोबाइल से लेनी है जिसमें ऐप डाउनलोड और रजिस्टर किया गया है। कंपनी का कहना है कि आपके मोबाइल फोन पर मौजूद ऐप का डाटा एक सुरक्षित सर्वर पर रखा जायेगा। एडवाइजरी के मुताबिक मरीज की जानकारी पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी।
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