ऑपरेटिंग सिस्टम बॉस (BOSS-Bhartiya Operating System Solutions) काफी पहले से सक्रिय हैं।
। यह भारत का अपना स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसे लॉन्च करने के पीछे की सबसे बड़ी वजह भारत में (विशेषकर सरकारी कार्यालयों में) माइक्रोसॉफ़्ट विंडोज़ जैसे विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम से निर्भरता को खत्म करना हैं। बॉस ऑपरेटिंग सिस्टम भारत में सभी के लिए फ्री में उपलब्ध हैं। यह कुल 18 भारतीय भाषाओँ में उपलब्ध है और एक विदेशी भाषा अंग्रेजी।
पहली बार 2007 में हुआ था लॉन्च
बॉस (BOSS) ऑपरेटिंग सिस्टम को सबसे पहले जनवरी 2007 में पेश किया गया था। उस समय यह यूजर्स फ्रेंडली नहीं था। सभी वातावरणों में न चल पाने, लचर यूज़र–इंटरफ़ेस और तकनीक में हो रहे लगातार बदलाव के कारण यह बाजार में टिक नहीं पाया। इसका लेटेस्ट वर्जन 9.0 ‘ऊर्जा’ नाम से फरवरी 2021 में पेश किया गया था। इस ओएस को सीडैक, गुजरात तकनीक विश्वविद्यालय, डीआरडीओ तथा कुछ निजी कंपनियों ने मिलकर तैयार किया है।
बॉस ओपन सोर्स प्रौद्योगिकी लिनक्स पर आधारित है जिसका ससबे बड़ा लाभ यह है कि इसे खरीदने की आवश्यकता नहीं है। यह भी हो सकता है कि आने वाले कुछ समय में आपको देश में बिकने वाले कंप्यूटरों पर यह पहले से इंस्टॉल किया हुआ मिले। यह 32 बिट और 64 बिट दोनों प्रकार के कंप्यूटरों के लिए उपलब्ध है।
इसमें सुरक्षित प्रोटोकॉल का उपयोग किया गया है जो इसकी सुरक्षा को अतिउन्नत बनाते हैं। इसे लिनक्स फ़ाउंडेशन का प्रमाणन भी प्राप्त है। बॉस अत्यंत आकर्षक लगता है लेकिन वास्तविक उपयोगकर्ताओं के समक्ष यह कितना चल पाएगा, यह तो समय ही बताएगा। साथ ही इसकी सफलता इस बात पर भी निर्भर करेगी कि इसके निर्माता इसे कितनी जल्दी–जल्दी अपडेट कर पाते हैं तथा उपयोगकर्ताओं के लिए सहायता पाना कितना आसान है।
यह भी पढ़े:
जल्दी-जल्दी पड़ जाते हो बीमार, तो इस तरह बढ़ाये अपने शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता