Tiranga Girl Tanzim Merani: अहमदाबाद की 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा और सोशल एक्टिविस्ट तंजीम मेरानी एक बार फिर चर्चाओं में हैं। इस बार वह शैक्षणिक संस्थाओं में हिजाब प्रतिबंध, सामान नागरिक संहिता (UCC) और नागरिकता संसोधन अधिनियम (CAA) को जल्द से जल्द लागू करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी हैं। उनका यह आमरण अनशन राजस्थान की राजधानी जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र के VT Ground में चल रहा हैं। इस अनशन की चर्चा इसलिए भी करना जरुरी है क्योंकि जिस क्षेत्र में यह चल रहा है, वह राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का विधायकी क्षेत्र भी हैं।
मांगे नहीं मानी तो चलती रहेगी भूख हड़ताल
मुस्लिम छात्रा तंजीम मेरानी का यह अनशन 1 फरवरी से अनवरत चालू हैं। उसे प्रशासन की तरफ से वीटी ग्राउंड पर पांच दिन अनशन करने की परमिशन दी गई हैं। यह खबर आज 3 फरवरी को लिखी जा रही हैं, तब तक भी तंज़ीम का अनशन चालू हैं। उसका कहना है कि ‘यदि उसकी मांगे मांगी नहीं जाती है तो उसकी भूख हड़ताल ऐसे ही जारी रहेगी।’ वह जल्द ही जलत्याग करने की बात भी करती है और कहती है कि किसी भी हाल में अपने प्रण से पीछे नहीं हटेगी।
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तिरंगा लेकर लाल चौक गई तो मिली पहचान
तंज़ीम मेरानी बीए अंतिम वर्ष की छात्रा हैं। वह जब महज आठ या नौ साल की थी, तो पहली बार दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकपाल बिल के लिए हुए समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन में नजर आई थी। इसके बाद 2016 में वह तेजी से चर्चाओं में आई, जब वह जम्मू और कश्मीर राज्य के श्रीनगर नगर के केन्द्र में स्थित लाल चौक (Lal Chowk) पर तिरंगा फहराने निकल गई। हालांकि, वह इसमें सफल नहीं हो सकी और उसे श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया। इसके बाद तंज़ीम ने एयरपोर्ट पर ही तिरंगा फहराया। दरअसल, तंज़ीम को लाल चौक जाने से रोकने की वजह थी कि करीब 10 दिन पहले ही वहां पाकिस्तानी समर्थित इस्लामिक आतंकवादी संगठन के कमांडर बुरहान मुज़फ़्फ़र वानी का एनकाउंटर हुआ था, जिसके चलते माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था।
जेएनयू में भी फहराया तिरंगा
इसके बाद तिरंगा गर्ल तंज़ीम मेरानी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) दिल्ली जाकर कन्हैया कुमार को जवाब देने की ठानी। वह रक्षाबंधन के दिन 5 अगस्त 2017 को जेएनयू पहुंची और वहां जाकर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। गौरतलब है कि, यह वही समय था जब जेएनयू में कुछ समय पहले ही खुलेआम पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे और देशभर में इसे लेकर गुस्से का माहौल था। इसकी अगुवाई छात्र नेता कन्हैया कुमार कर रहे थे।
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पी चिदंबरम के बयान का किया विरोध
इन सब के बीच तंज़ीम मेरानी ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा। वह RTI के जरिये भी इस बीच अलग-अलग मुद्दों को लेकर अपनी आवाज बुलंद करती रही हैं। उसने कांग्रेस सरकार के वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम की उस बात का भी पुरजोर विरोध किया था, जिसमें उन्होंने गुजरात चुनाव के दौरान राजकोट में कहा था कि ‘कश्मीर को और अधिक स्वायत्ता देने की जरुरत हैं।’ तब तंज़ीम ने सवाल उठाते हुए कहा था कि ‘हमारे जवानों के ऊपर विद्रोही पत्थरबाजी कर रहे हैं, बम ब्लास्ट कर रहे हैं और मंत्री जी उन्हें अधिक स्वायत्ता देने की बात कर रहे है। इससे तो उन उपद्रवियों को और अधिक हिंसा करने की छूट मिल जायेगी।’
इन सब के बीच उसी दौरान कश्मीर में CRPF के जवानों के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी, जिसके खिलाफ भी तंज़ीम ने अनशन कर विरोध प्रकट किया था। इसके बाद किसानों के लिए भी वह अनशन के माध्यम से अपनी आवाज हुक्मरानों तक पहुंचाती रही। तंज़ीम ने अलगाववादियों की फंडिंग के खिलाफ और पुलवामा हमले के विरोध में अनशन किया। यह वो समय था जब तिरंगा गर्ल तंज़ीम मेरानी अपनी 10वीं बोर्ड की परीक्षा भी दे रही थी। तंज़ीम ने मशहूर पत्रकार अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी, महाराष्ट्र में दो साधुओं की निर्मम हत्या और महबूबा मुफ्ती के देशविरोधी बयानों के खिलाफ भी अपनी आवाज बुलंद की थी।