AAP Rally Shri Ganga Nagar Rajasthan: राजस्थान के श्रीगंगानगर से आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने प्रदेश में चुनावी शंखनाद कर दिया है। रविवार, 18 मई को अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने श्रीगंगानगर से हुंकार भरी। रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंच से राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) और मौजूदा सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर तीखे शब्दभेदी बाण छोड़े। केजरीवाल ने वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत को भाई-बहन करार दिया और दोनों को मिला हुआ बताया।
आम आदमी पार्टी की तरफ से मंच पर एक बार फिर से प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा दोहराया गया। केजरीवाल ने मंच से एक बार फिर से लोगों को चौथी पास राजा की काल्पनिक कहानी को सुनाया। जिसके आधार पर वो बीते कुछ महीनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टारगेट करते रहे हैं। केजरीवाल ने दिल्ली के लिए लाये गए अध्यादेश पर राजस्थान की जनता से कहा कि प्रधानमंत्री दिल्ली के अंदर तानाशाही करना चाहते है।
रैली की शुरुआत में प्रदेश अध्यक्ष नवीन पालीवाल ने जनता को संबोधित किया। उन्होंने श्रीगंगानगर की जनता का रैली में आने पर आभार व्यक्त किया। पालीवाल ने कहा कि केजरीवाल की रैली के होने से एक दिन पहले ही सीएम अशोक गहलोत ने आसपास के क्षेत्र में अपने बड़े-बड़े होर्डिंग लगवा दिए, जोकि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के आने का उनके मन में डर हैं। बाद में इसी बात को लेकर केजरीवाल ने भाषण में गहलोत को आड़े हाथ लिया।
केजरीवाल ने सुनाई चौथी पास राजा की कहानी ..
(Kejriwal told the story of the fourth pass king)
आप आयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंच से ‘चौथी पास राजा’ की कहानी को दोहराया। उन्होने कहानी सुनाते हुए कहा कि लोग जितना इस कहानी का प्रचार-प्रसार करंगे, उतना देश की तरक्की होगी। यह कहानी चौथी पास राजा की हैं जो काफी अहंकारी था। इस राजा की रानी नहीं हैं। वह बहुत गरीब घर में पैदा हुआ। जब ज्योतिष ने बच्चे को देखा तो उसकी मां से बोला कि माई तेरा बेटा सम्राट बनेगा। कुछ समय बाद बच्चा स्कूल जाने लगा लेकिन मन नहीं लगा तो चौथी क्लास के बाद नाम कटवा लिया। वह घर में गरीबी के चलते बचपन में चाय बेचने लगा। वह भाषण अच्छा देता था तो घंटों तक भाषण देता रहता।
केजरीवाल ने कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा कि एक दिन वह बच्चा देश का राजा बन गया। वह अनपढ़ होने की वजह से अफसर जहां बोलते थे वहां हताक्षर कर देता था। जब सभी को उसके अनपढ़ होने का पता लगा तो उसे बुरा फील होने लगा। ऐसे में उसने MA की एक फर्जी डिग्री का इंतजाम कर लिया। राजा में अब और अहंकार आ गया था। एक दिन किसी के कहने पर उसने नोटबंदी कर दी और पूरे देश का बेडा गर्क हो गया। सब रोजगार बर्बाद हो गए।
फिर किसी ने कहा कि किसान कानून बना दो। अब राजा को समझ ताे थी नहीं उसने तीन कानून बना दिए। नतीजा साढ़े सात सौ किसान मर गए। आंदोलन हो गया। फिर राजा को अपने कानून वापस लेने पड़े। राजा को अक्कल तो थी नहीं। उन्होंने कहा कि अंत में आपसे एक ही विनती है कि अगली बार वोट डालना तो ऐसे आदमी को वोट डालना जिसको इतनी समझ हो कि दो हजार का नोट चलाना है या बंद करना है।