ICC T-20 World Cup 2021 की शुरुआत 17 अक्तूबर से हो रही है। टी-20 का खेल हमेशा से ही धमाकेदार रहा है। क्रिकेट के इस फॉर्मेट में फैंस को अपने फेवरेट प्लेयर से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की उम्मीद रहती है। बात जब गेंदबाज की हो तो फैंस चाहते है कि उनका फेवरेट खिलाड़ी हैट्रिक लगाए या फिर ताबड़तोड़ विकेट चटकाए। इस बार भी हर टीम में कोई न कोई खिलाड़ी तो ऐसा जरुर होगा, जो अपने दम पर पूरे मुकाबले का नक्शा बदल कर रख दे। इसी कड़ी में आज हम बात कर रहे है ऐसे प्लेयर्स की, जिन्होंने अपने खेल से टी-20 टूर्नामेंट की लोकप्रियता में इजाफा किया है। जिन्हें फैंस आज भी याद करते है।
युवराज सिंह के छह छक्के
इंडियन टीम के धाकड़ ऑलराउंडर युवराज सिंह ने 2007 में खेले गए पहले T-20 World Cup में इतिहास रचा था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ मैच में एक ही ओवर में छह छक्के जड़ दिए थे। इसी के साथ उन्होंने महज 12 गेंदों में पचासा जड़ तहलका मचा दिया था। यह क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज पचासा था। युवी ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में छह छक्के उड़ाए थे। आज भी उनके इस प्रदर्शन को क्रिकेट फैंस खूब याद करते है।
उमर गुल के पांच विकेट
2010 के T-20 World Cup में पाकिस्तान के तेज गेंदबाज उमर गुल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में सिर्फ तीन ओवरों में छह रन देकर पांच विकेट चटका दिए थे। अपने इस बेहतरीन प्रदर्शन से उन्होंने यह साबित किया कि T-20 फॉर्मेट सिर्फ बल्लेबाजों का खेल नहीं है। इसमें गेंदबाज भी बहुत कर सकते है।
माइक हसी का तूफानी अर्धशतक
2010 के T-20 World Cup में ऑस्ट्रेलिया के माइक हसी ने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में ताबड़तोड़ पचासा जड़ा था। उन्होंने महज 24 गेंदों में 60 रन ठोक डाले थे। अपनी इस बेहतरीन पारी के दम पर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को यादगार जीत दिलाई थी। जिसे आज भी फैंस कभी नहीं भूलते है।
विराट कोहली का अर्धशतक
2014 टी-20 वर्ल्डकप में मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohali) ने सर्वाधिक रन बनाये थे। कोहली ने सेमीफाइनल मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 173 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 44 गेंदों में 72 रनों की शानदार पारी खेली थी। जिसकी मदद से वे टीम को फाइनल तक ले जा सके।
कार्लोस ब्रैथवेट के चार छक्के
2016 का टी-20 वर्ल्डकप किसी ने देखा हो या नहीं, लेकिन कार्लोस ब्रैथवेट के चार छक्के सभी ने देखे होंगे। इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मैच में उन्होंने सिर्फ 10 गेंदों में 34 रन बना वेस्टइंडीज को वर्ल्ड कप विजेता बनाया था। इसके साथ वेस्टइंडीज पहली टीम बनी थी, जिसने दूसरी बार टी-20 वर्ल्डकप जीता था।
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